Mar 5, 2014

इश्क नहीं तो बस उनकी आरज़ू किये जा,
वो जो दूर हैं बस उनकी जुस्तजू किये जा,
क्या हुआ जो मिलते नहीं कभी दिन और रात,
इस शाम के वहम में ही एक ज़िंदगी जिए जा...

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