Mar 5, 2014

मुलाक़ात

Dedicated to the great Rumi who once wrote, "Beyond all the concepts of wrong doing and right doing 
There is a field….. I will meet you there....!!!! "



इंसान की सोच की सरहदों के पार,
जहाँ हर बात खामोशी के दामन में
सर छुपा कर
बरसों से अपने अंदर भरे शोर को
खो देती है

होश और बेहोशी के जहानों के परे,
जहाँ ख्वाबों की आवारगी को भी
ठहराव मिलता है...

कभी कोई वादा तो नहीं किया तुमने
पर फिर भी यकीन है मुझे
कि तुम मिलोगे वहीँ
जहाँ दिन की प्यास और रातों की राहत
मिलकर ज़िंदगी को पूरा कर जाते हैं

वहीँ इंतज़ार करूँगा मैं तुम्हारा...

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